दैनिक भास्कर में छपे रिपोर्ट में यह बात सामने निकल कर आई है कि, टेलीकॉम कंपनियां एक बार फिर अपने टैरिफ प्लान में बढ़ोत्तरी करने की तैयारी में है। टेलीकॉम कंपनियां प्रति यूजर आय 182 रूपए से बढ़ाकर 300 रुपये करने की तैयारी है। कंपनियों का टैरिफ वृद्धि का उद्देश्य 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर की पूरी लागत को ग्राहकों से वसूलना है। कहा जा रहा है कि, यह टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनियां अगले 12 महीनों में टैरिफ में 15-20% की वृद्धि की योजना बना रही हैं। वर्तमान में प्रति यूजर औसत आय (ARPU) 182 रुपये है, जो बढ़ाकर 220 रुपये तक की जा सकती है। इसके बाद, अगले 3 सालों में इसे 300 रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
92% बजार हिस्सेदारी सिर्फ तीन कम्पनियों के पास
आपको बता दें कि, टेलीकॉम कंपनियों का मानना है कि 5G इंफ्रास्ट्रक्चर की लागत की भरपाई के लिए यह वृद्धि आवश्यक है। रिलायंस जियो, भारतीय एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों का इस पर प्रमुख बाजार हिस्सा है।
टेलीकॉम सेक्टर में रिलायंस जियो की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। फिलहाल 2024 में रिलायंस जियो की 40.3% बाजार हिस्सेदारी है। वही दूसरी इस सेक्टर में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की है, जो इस सेक्टर में 33.1% और 18.8% हिस्सेदारी रखते हैं। आपको बता दें कि, 10 साल पहले भारत में कुल 22 टेलीकॉम कंपनियां थी।
डेटा खपत में चार गुना वृद्धि
आपको बता दें कि, भारत में इंटरनेट की पहुंच 2014 में सिर्फ 13.5% थी, जो 2024 में 52.2% तक बढ़ जाएगी। डेटा का अधिक उपयोग कंपनियों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है। रिपोर्ट बताती है कि, 2022-23 में डेटा खपत में चार गुना वृद्धि देखी गई है।
2023-24 में टेलीकॉम कंपनियों की आय 2.4 लाख करोड रुपए तक पहुंच चुकी हैं।
अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषण
ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, अगले सात वर्षों में औसत टैरिफ 250 रुपये से बढ़कर 340 रुपये तक हो सकता है। वर्ष 2027 तक भारत में 5G Tariff Per User 260 से 270 रुपये हो जाने की संभावना है।
इस टैरिफ वृद्धि का उद्देश्य 5G इंफ्रास्ट्रक्चर की पूरी लागत को ग्राहकों से वसूलना है और यह टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। ऐसी आशा है।