शरद पवार की बार्शी सभा में मराठा आंदोलनकारियों ने दिखाए काले झंडे, मराठा आरक्षण के मुद्दे पर जताया विरोधशरद पवार की बार्शी सभा में मराठा आंदोलनकारियों ने दिखाए काले झंडे, मराठा आरक्षण के मुद्दे पर जताया विरोध

Sharad Pawar and Maratha Protest: बार्शी, 11 अगस्त 2024 – बार्शी में आयोजित महाराष्ट्र के प्रमुख नेता शरद पवार का ‘शेतकरी संवाद मेळावा’ उस वक्त सुर्खियों में आ गया जब मराठा आंदोलनकारियों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार को उनके भाषण के दौरान उन्हे काले झंडे दिखाकर अपना विरोध दर्ज किया। इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रवादी के नेता विश्वास बारबोले ने किया था, जिसमें शरद पवार के साथ माजी उपमुख्यमंत्री विजयसिंह मोहिते पाटील, सांसद धैर्यशील मोहिते पाटील और विधायक रोहित पवार भी मौजूद थे।

शरद पवार का यह दौरा पहले ही विवादों में घिर चुका था, जब बार्शी की ओर जाते समय कुर्डूवाडी में मराठा आंदोलनकारियों ने आरक्षण के मुद्दे पर उनसे सवाल-जवाब किया था। हालांकि, बार्शी में जैसे ही पवार ने अपना भाषण शुरू किया, आंदोलनकारी तुरंत हरकत में आ गए और काले झंडे लहराकर अपनी नाराजगी जाहिर की।

किसानों की समस्याओं पर शरद पवार का जोर:

शेतकरी संवाद मेळावा सभा में बोलते हुए शरद पवार ने मौजूदा केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,

“आज देश के किसान अपनी मेहनत का उचित मूल्य नहीं पा रहे हैं, जिसके कारण आत्महत्या करने की नौबत आ गई है। जब मैं कृषि मंत्री था, तब मैंने करोड़ों का कर्ज माफ किया और किसानों को राहत देने का प्रयास किया। लेकिन आज मोदी सरकार में, किसान और शिक्षित युवा बेरोजगारी के शिकार हो रहे हैं।”

पवार ने अपने भाषण में यह भी कहा,

“जहां युवा निराश होते हैं, वहां का देश भी निराश होता है। हमें युवा पीढ़ी को रोजगार देने की आवश्यकता है। लोकसभा चुनावों के दौरान, जो लोग 400 सीटें जीतने का दावा कर रहे थे, वे 300 के पार भी नहीं पहुंच सके और उन्हें दूसरों की मदद से सरकार बनानी पड़ी।”

रोहित पवार का हमला: मराठी अस्मिता का सवाल

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक रोहित पवार ने भी इस मौके पर भाजपा और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि,

“जो पार्टी मराठी अस्मिता के लिए लड़ रही थी, वही अब दिल्ली के आदेश मानने लगी है। अगर उन्होंने लोकतंत्र को दबाने के लिए सुपारी ले ली है और भाजपा के साथ मिलकर काम करना है, तो यह उनका मामला है। लेकिन जनता को समझना चाहिए कि कौन लोकतंत्र को मजबूत कर रहा है और कौन इसे कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।”

इसके अतिरिक्त रोहित पवार ने आगे कहा कि,

“मैं कर्जत-जामखेड से ही लड़ूंगा और भले ही मुझे किसी बड़े से भिड़ना पड़े, मैं पीछे नहीं हटूंगा।”

शरद पवार की बार्शी सभा मराठा आरक्षण के मुद्दे पर उठे विरोध के कारण देश भर चर्चा में आईं है। मराठा आंदोलनकारियों के विरोध ने इस बात को फिर से उजागर किया कि आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र की राजनीति में कितना संवेदनशील है। शरद पवार और रोहित पवार दोनों ने अपने भाषणों में मौजूदा सरकार की नीतियों की आलोचना की, लेकिन यह देखना बाकी है कि इस विरोध का आगामी चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

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