मुंबई, महाराष्ट्र: मुंबईवासियों का अंडरग्राउंड मेट्रो का लंबा इंतजार आखिरकार आज खत्म हो गया है। मुंबई की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो, जिसे एक्वा लाइन के नाम से जाना जाता है, आज से आम जन के लिए शुरू हो चुकी है। पहले चरण में यह मेट्रो सांताक्रूज इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन (SEEPZ) से बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) तक चलेगी।
33.5 किलोमीटर का सफर
इस 33.5 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन को कोलाबा-बांद्रा-सिप्ज लाइन के नाम से भी जाना जाता है। इस लाइन पर कुल 27 स्टेशन होंगे, जो आरे कॉलोनी से कफ परेड तक फैले होंगे। इनमें प्रमुख मेट्रो स्टेशन कफ परेड, विधान भवन, चर्चगेट, हुतात्मा चौक, CST मेट्रो, कालबादेवी, गिरगांव, ग्रांट रोड, मुंबई सेंट्रल मेट्रो, महालक्ष्मी, विज्ञान संग्रहालय, आचार्य अत्रे चौक, वर्ली, सिद्धिविनायक, दादर, सीतालदेवी, धारावी, BKC, विद्यानगरी, सांताक्रूज, डोमेस्टिक एयरपोर्ट, सहार रोड, इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मरोल नाका, MIDC, SEEPZ और आरे डिपो शामिल हैं।
तेज गति और कम समय
मुंबई की यह अंडरग्राउंड मेट्रो अधिकतम 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी, जिससे 35 किलोमीटर का सफर केवल 50 मिनट में पूरा हो जाएगा। आपको बता दूं कि, सड़क मार्ग से यह सफर पूरा करने में लगभग 2 घंटे लगते हैं। इस मेट्रो सेवा का समय सुबह 6:30 बजे से रात 11:00 बजे तक रहेगा, जिससे यात्रियों को लचीले समय में यात्रा करने की सुविधा मिलेगी।
परियोजना की लागत और प्रबंधन
मुंबई के इस अंडरग्राउंड मेट्रो की लागत भारी भरकम है। मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, इस परियोजना की कुल लागत 37,275 करोड़ रुपये है, जिसमें से 21,280 करोड़ रुपये का वित्तपोषण जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) द्वारा किया गया है। परियोजना का 98 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते काम पूरा होने में देरी हुई थी। फिलहाल, दिल्ली मेट्रो रेल कोरपोरेशन (DMRC) इसका प्रबंधन कर रहा है।
यात्रियों के लिए सुविधाएं
यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुंबई अंडरग्राउंड मेट्रो के प्लेटफॉर्म पर एस्केलेटर, लिफ्ट और CCTV कैमरे लगाए गए हैं। ट्रेन में उतरने-चढ़ने के दौरान दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए स्क्रीन दरवाजे बनाए गए हैं। इतना ही नहीं बल्कि दिव्यांग व्यक्तियों के लिए ब्रेल लिपि में बटन, 3 तरफ हैंडरेल, ऑडियो-विजुअल अनाउंसमेंट सिस्टम, व्हीलचेयर और आपातकालीन बटन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।
शहर के यातायात में क्रांति
इस अंडरग्राउंड मेट्रो से मुंबई के दक्षिणी हिस्से से पश्चिमी उपनगरों तक आने-जाने में काफी कम समय लगेगा, जिससे यात्रियों के समय की बचत होगी। यह अंडरग्राउंड मेट्रो न केवल मुंबई के यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि शहर के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुंबई की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो एक्वा लाइन के शुभारंभ से न केवल यातायात का दबाव कम होगा, बल्कि यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव भी मिलेगा। यह परियोजना मुंबई के भविष्य के यातायात का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने जा रही है।