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महाराष्ट्र: (Prakash Ambedkar) प्रकाश आंबेडकर जी ने हाल ही में एक ट्वीट के माध्यम से महाराष्ट्र सरकार की “लाड़का भाऊ” योजना पर तीखा तंज कसा है। इस योजना के तहत पुरुषों को ₹6,000 से ₹10,000 तक का स्टायपेंड दिया जा रहा है, जबकि महिलाओं को “लाडकी बहीण” योजना के तहत केवल ₹1500 का स्टायपेंड मिल रहा है। आंबेडकर जी ने इस भेदभाव पर कड़ा विरोध जताया और इसे महिलाओं के साथ अन्याय बताया है।

प्रकाश आंबेडकर जी ने ट्वीट में कहा कि, “महिलाओं के साथ ऐसा भेदभाव क्यों? अगर महात्मा जोतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले आज जीवित होते, तो वे इस भेदभावपूर्ण नीति का तीव्र विरोध करते। यह एक मनुवादी नीति है और यह फुले-शाहू-आंबेडकर की विचारधारा के खिलाफ है।”

उन्होंने मांग की कि “लाडकी बहीण” योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाला स्टायपेंड “लाड़का भाऊ” योजना के पुरुषों के समान होना चाहिए। यह मांग वंचित बहुजन आघाडी की ओर से की गई है।

लाड़का भाऊ और लाडकी बहीण योजना

महाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू की गई “लाड़का भाऊ” योजना के तहत पुरुषों को ₹6,000 से ₹10,000 तक का स्टायपेंड प्रदान किया जा रहा है। वहीं, “लाडकी बहीण” योजना के तहत महिलाओं को केवल ₹1500 का स्टायपेंड मिलता है। इस अंतर को लेकर VBA ने और VBA के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर जी ने विरोध जताया है।

प्रकाश आंबेडकर जी का ट्वीट
(प्रकाश आंबेडकर जी का ट्वीट)

भेदभाव का आरोप

आंबेडकर जी के ट्वीट के बाद, सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ गई है। कई लोगों ने आंबेडकर के विचारों का समर्थन किया है और सरकार से इस भेदभाव को समाप्त करने की मांग की है। वहीं, कुछ लोगों ने यह भी कहा कि सरकार को महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए और कदम उठाने चाहिए।

फुले-शाहू-आंबेडकर की विचारधारा

प्रकाश आंबेडकर जी ने अपने ट्वीट में महात्मा जोतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले का उल्लेख किया है, जो समाज सुधारक और महिला शिक्षा के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने कहा कि अगर ये महान नेता आज होते, तो वे इस भेदभावपूर्ण नीति का विरोध करते। आंबेडकर ने इसे “मनुवादी नीति” कहा और फुले-शाहू-आंबेडकर की विचारधारा के खिलाफ बताया।

वंचित बहुजन आघाडी की मांग

वंचित बहुजन आघाडी ने सरकार से मांग की है कि “लाडकी बहीण” योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाला स्टायपेंड “लाड़का भाऊ” योजना के पुरुषों के समान होना चाहिए। उनका कहना है कि यह भेदभाव महिलाओं के सशक्तिकरण में बाधा डालता है और इसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष

प्रकाश आंबेडकर जी का यह ट्वीट महाराष्ट्र सरकार की योजनाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर करता है। सरकार को चाहिए कि वह इस भेदभावपूर्ण नीति पर पुनर्विचार करे और महिलाओं को समान अवसर और लाभ प्रदान करे। फुले-शाहू-आंबेडकर की विचारधारा के समर्थक होने के नाते, यह महत्वपूर्ण है कि समाज के हर वर्ग को समान रूप से सशक्त किया जाए।

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