Sawan ka dusra somvar: सावन का पवित्र महीना 22 जुलाई से चल रहा है, जो भगवान शिव की विशेष आराधना के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है। सावन माह के महीने में सोमवार के दिन का विशेष महत्व होता है, क्योंकि सोमवार के दिन को शिव जी की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। मान्यता के अनुसार, श्रावण सोमवार को भगवान शिव की विधिवत पूजन करने से भक्त सुखी, निरोगी और समृद्ध जीवन का आनंद पाते हैं। यदी आप सोमवार दिन को भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना करना चाहते हैं तो, जाने सावन के दूसरे सोमवार की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और उपाय।
कब है सावन का दूसरा सोमवार?
सावन माह का दूसरा सोमवार इस साल 29 जुलाई को कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि के दिन पड़ रहा है। इस दिन भक्तजन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करेंगे और उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
सोमवार पूजा का शुभ मुहूर्त
सावन के दूसरे सोमवार को विधिवत पूजन करने के लिए चार विशेष मुहूर्त हैं, जो कुछ इस प्रकार है:
- पहला मुहूर्त: 04:17 AM से 04:59 AM
- दूसरा मुहूर्त: 06:17 AM से 07:50 AM
- तीसरा मुहूर्त: 12:00 PM से 12:55 PM
- गोधूलि मुहूर्त: 07:14 PM से 07:35 PM
सावन सोमवार पूजा-विधि
- स्नान और वस्त्र धारण: सुबह स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- पूजा सामग्री तैयार करें: भगवान शिव जी के परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा के लिए सामग्री तैयार करें।
- व्रत का संकल्प: अगर आप श्रावण सोमवार के व्रत रख रहे है, तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें।
- दीपक जलाएं: घर के मंदिर में दीपक जलाएं।
- शिव अभिषेक: सभी कार्य संपन्न होने के बाद शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करें।
- व्रत कथा सुनें: सावन सोमवार पर सावन सोमवार व्रत की कथा सुनें।
- आरती और भोग: घी के दीपक से भगवान शिव की आरती करें और भोग लगाएं।
- शिव चालीसा और मंत्र जाप: भगवान शिव की आरती करने के बाद और भोग लगाने के बाद शिव चालीसा पढ़ें और ‘ॐ नमः शिवाय’ का मंत्र जाप करें।
- क्षमा प्रार्थना: अंत में पुजन विधी में होने वाली किसी भी गलती के लिए उनसे क्षमा प्रार्थना करें।
सावन सोमवार उपाय
यदी आप श्रावण मास के दूसरे सोमवार के दिन भगवान शिव जी की विशेष कृपा पाने के लिए एक और उपाय के तौर पर आप श्रावण के दूसरे सोमवार के दिन भगवान शिव जी का रुद्राभिषेक कर सकतें है। मान्यता है कि, भगवान शिव जी का रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इस दिन शिव चालीसा का पाठ भी अत्यधिक फलदायी माना जाता है।