पेरिस ओलंपिक: लिंग विवाद में फंसी ओलंपिक की चैंपियन इमान खलीफ, मेडल पक्का करने के बाद भी फफक फफककर रो पड़ीं पेरिस ओलंपिक: लिंग विवाद में फंसी ओलंपिक की चैंपियन इमान खलीफ, मेडल पक्का करने के बाद भी फफक फफककर रो पड़ीं 

पेरिस ओलंपिक: कुछ दिनों से अपनी जेंडर को लेकर चर्चा में रही अल्जीरियाई बॉक्सर इमान खलीफ ने पेरिस ओलंपिक में अपना मेडल पक्का कर लिया है। उन्होंने महिलाओं की 66 किग्रा बाउट के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हंगरी की अन्ना लुका हमोरी को 5-0 से हराकर शानदार जीत हासिल कर अपना मेडल पक्का कर लिया है। आपको बता दें कि, इटली की एंजेला कैरिनी के खिलाफ मुकाबले के बाद से ही बॉक्सर इमान खलीफ विवादो में चल रही है, और इसी वजह से वह मेडल पक्का करने के बाद भी भावनाओं में बह गईं और रो पड़ीं।

  • पेरिस ओलंपिक में इमान खेलीफ का मेडल पक्का
  • क्वार्टर फाइनल में जीत के बाद नहीं रोक पाईं आंसू
  • खेलीफ के जेंडर को लेकर चल रहा है विवाद

खेल के मैदान पर शानदार प्रदर्शन

इमान खलीफ ने पेरिस ओलंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल पक्का कर नया इतिहास रच दिया है। वह अल्जीरिया की पहली ऐसी महिला मुक्केबाज बन गई हैं, जिन्होंने ओलंपिक में मेडल जीता है। हंगरी की एना लुका हामोरी के खिलाफ उनके प्रदर्शन ने उन्हें महिलाओं के 66 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में जगह दिलाई है और अब वह सेमीफाइनल का मुकाबला थाईलैंड की बॉक्सर जनजेम सुवान्नाफेंग से करेगी।

विवादों से घिरी जीत

खलीफ ने महिलाओं के 66 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में हंगरी की एना लुका हामोरी को 5-0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। इस जीत के साथ ही उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल पक्का कर लिया है। लेकिन इस जीत के साथ ही उनके सामने विवादों का एक और पन्ना पलटा।

खलीफ को इटली की एंजेला कैरिनी के खिलाफ मुकाबले के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। कैरिनी ने महज 46 सेकंड के बाद ही उस मुकाबले को छोड़ दिया था और अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) ने दावा किया था कि खलीफ पिछले साल महिलाओं की इवेंट के लिए एक टेस्ट में विफल रहीं थीं। हालांकि, IBA ने यह नहीं बताया था कि खलीफ किस टेस्ट में फेल हुईं थीं।

आईओसी का इमान खलीफ को लेकर बयान

नवभारत टाइम्स रिपोर्ट के मुताबिक़, आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाक ने इस विवाद के बाद ट्रांसजेंडर इमान खलीफ और ताइवान के साथी मुक्केबाज ट्रांसजेंडर लिन यू-टिंग का बचाव किया था। IBA ने पिछले साल विश्व चैंपियनशिप के दौरान खलीफ और लिन को अयोग्य घोषित कर दिया था। IBA का दावा था कि दोनों मुक्केबाज महिलाओं की प्रतियोगिता के लिए पात्रता परीक्षण में विफल रहीं थीं, हालांकि दोनों मुक्केबाज कई वर्षों तक बिना किसी समस्या के IBA की प्रतियोगिताओं में भाग लेती रहीं हैं। IBA ने परीक्षणों के बारे में कोई जानकारी प्रदान करने से इनकार कर दिया है।

जीत के बाद इमान खलीफ फफक फफककर रो पड़ीं

हामोरी पर जीत हासिल करने बाद, इमान खलीफ ने सभी दर्शकों का अभिवादन किया और अपनी भावनाओं को रोक नहीं सकीं। जैसे ही उन्होंने अपनी टीम को गले लगाया, उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। उनकी इस प्रतिक्रिया ने उनके संघर्ष और समर्पण को दर्शाया, जो उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए किया था। खलीफ के लिए यह जीत सिर्फ एक खेल नहीं थी, बल्कि अपने आलोचकों को जवाब देने और अपने देश के लिए गौरव हासिल करने का क्षण था।

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IBA और IOC के बीच टकराव

आपको बता दें कि, मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, IBA पर पहले भी जजिंग स्कैंडल, नेतृत्व के फैसलों और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर IOC के साथ टकराव होता रहा है। IOC ने 2019 में IBA को ओलंपिक भागीदारी से प्रतिबंधित कर दिया था। इस घटनाक्रम के बावजूद, खलीफ और अन्य मुक्केबाजों के प्रयासों ने यह साबित कर दिया है कि खेल में सच्ची प्रतिभा और समर्पण ही मायने रखता है।

ट्रांसजेंडर इमान खलीफ की यह जीत न केवल उनके लिए बल्कि उनके देश अल्जीरिया के लिए गर्व का क्षण है। उनके संघर्ष और सफलता की कहानी ने न केवल उन्हें बल्कि उनके देश के लोगों को भी प्रेरित करती रहेंगी है। अब सबकी निगाहें सेमीफाइनल पर हैं, जहां खलीफ थाईलैंड की जनजेम सुवान्नाफेंग से भिड़ेंगी।

यह देखना दिलचस्प होगा कि खलीफ कैसे अपने प्रदर्शन को बनाए रखती हैं और अपने आलोचकों को एक बार फिर से जवाब देती हैं। उनके समर्पण और संघर्ष ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है, और अब उनकी नजरें ओलंपिक के सर्वोच्च सम्मान पर हैं।

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