केरल के वायनाड में भूस्खलन, भारत: एएनआई के रिपोर्ट के मुताबिक़ 30 जुलाई मंगलवार सुबह वायनाड के मेप्पाडी पंचायत में एक बड़े भूस्खलन ने क्षेत्र को हिला कर रख दिया, इस भूस्खलन में 2 बच्चो समेत 5 लोगों की मौत हो गई और अन्य 100लोगों की फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि, केरल के वायनाड में भारी बारिश के कारण यह भूस्खलन हुआ है, वायनाड में हुए इस भूस्खलन से स्थानीय निवासियों और प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
घटनास्थल और बचाव कार्य
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, यह भूस्खलन मंगलवार सुबह करीब 3.49 बजे व्यथिरी तालुक के मेप्पाडी पंचायत में हुआ है। सरकार का कहना है कि, भूस्खलन से प्रभावित चूरलमाला में बचाव अभियान तेजी से चल रहा है। इस अभियान में अग्निशमन एवं बचाव दल, नागरिक सुरक्षा, एनडीआरएफ और स्थानीय आपातकालीन प्रतिक्रिया दल के 250 सदस्य शामिल हैं। एनडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम को तुरंत घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश भी सरकार द्वारा दिया गया है।
सरकारी प्रयास और हेलीकॉप्टर की सहायता
केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि, वायुसेना के दो अतिरिक्त हेलीकॉप्टर, एक एमआई-17 और एक एएलएच भी बचाव कार्यों का समन्वय कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक बयान में कहा,
“घटना के बारे में पता चलने के बाद से सरकारी प्रणालियां एकीकृत तरीके से काम कर रही हैं। मंत्री वायनाड पहुंचेंगे और गतिविधियों का नेतृत्व करेंगे।”
स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति
डब्ल्यूआईएमएस मेडिकल कॉलेज के मुताबिक, फिलहाल 48 लोगों का इलाज चल रहा है और उन्हें अब तक चार शव मिले हैं। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि वायनाड भूस्खलन के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष खोल दिया है। आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 8086010833 और 9656938689 पर संपर्क किया जा सकता है।
इसके अलावा केरल के वायनाड में भूस्खलन को लेकर केरल के स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि वैथिरी, कलपट्टा, मेप्पाडी और मनंतवाड़ी अस्पताल समेत सभी अस्पताल तैयार हैं। उन्होंने कहा, “रात में ही सभी स्वास्थ्यकर्मी सेवा के लिए पहुंच गए थे। वायनाड में स्वास्थ्यकर्मियों की और टीमें तैनात की जाएंगी।”
इस दुखद घटना ने वायनाड के निवासियों और संबंधित अधिकारियों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश की है। बचाव दल तेजी से कार्य कर रहे हैं, लेकिन मौसम की विपरीत परिस्थितियां प्रयासों में बाधा डाल रही हैं। प्रशासन और स्थानीय समुदाय मिलकर इस आपदा से उबरने की कोशिश कर रहे हैं।