भारत या भूटान, जानें बांग्लादेश को सबसे पहले किस देश ने मान्यता दी: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने इस्तीफा देकर देश छोड़ा और भारत में ली। पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि, Bangladeshi PM Sheikh Hasina फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी जा सकती हैं। लेकीन अब स्पष्ट हो गया है कि, उन्होनें भारत में शरण ली। ऐसे में अब सोशल मीडिया पर यह सवाल पूछा जा रहा है कि, बांग्लादेश को सबसे पहले किस देश ने मान्यता दी?
भारत या भूटान, जानें बांग्लादेश को सबसे पहले किस देश ने मान्यता दी?
बांग्लादेश, जो आज दक्षिण एशिया का एक महत्वपूर्ण देश है, इस देश का जन्म 1971 में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में हुआ। लेकिन इसके स्वतंत्रता संग्राम और स्थापना की कहानी जितनी प्रेरणादायक है, उतनी ही कठिन भी। आइए जानते हैं, बांग्लादेश को सबसे पहले किस देश ने मान्यता दी और इसके पीछे की महत्वपूर्ण घटनाओं को।
स्वतंत्रता संग्राम और बांग्लादेश का जन्म
1971 में आज का बांग्लादेश, जिसे तब पूर्वी पाकिस्तान के रूप में जाना जाता था, ने पाकिस्तान से स्वतंत्रता की घोषणा की। 25 मार्च 1971 को, पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में बर्बर कार्रवाई शुरू की, जिसे ‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ कहा गया। इसके जवाब में, बांग्लादेश के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम शुरू किया, जो 9 महीने तक चला और इस संघर्ष में लाखों लोग मारे गए और लाखों शरणार्थी भारत चले गए।
भारत की महत्वपूर्ण भूमिका
इतिहास आज भी गवाह है कि, इस संघर्ष में भारत ने बांग्लादेश के लोगों की खूब सहायता की और भारत ने न केवल शरणार्थियों को अपने यहां जगह दी, बल्कि मुक्ति बाहिनी (बांग्लादेश की स्वतंत्रता सेनानी सेना) को भी सैन्य और आर्थिक मदद दी। भारत और पाकिस्तान के बीच दिसंबर 1971 में हुए युद्ध के बाद, पाकिस्तान की हार हुई और बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया।
भूटान: पहला देश जिसने बांग्लादेश को मान्यता दी
सब कहते हैं या मानते हैं कि, भारत ने सबसे पहले बांग्लादेश को एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता दी। लेकीन यह सच नहीं है। 6 दिसंबर 1971 को, भूटान बांग्लादेश को एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता देने वाला पहला देश है। यह कदम भूटान के राजा जिग्मे दोरजी वांग्चुक के नेतृत्व में उठाया गया था। भूटान की इस मान्यता ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम को वैश्विक समर्थन और मान्यता प्रदान की।
भारत: दूसरा देश जिसने बांग्लादेश को मान्यता दी
भूटान के तुरंत कुछ घण्टे बाद, भारत ने भी 6 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश को मान्यता दी। उस वक्त के भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बांग्लादेश की मान्यता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन दिलाने में अहम योगदान दिया।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन का विस्तार
भूटान और भारत द्वारा मान्यता मिलने के बाद, रशिया जिसे उस समय सोवियत संघ के रुप में जाना जाता था। यह तीसरा देश है, जिसने बांग्लादेश को एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता दी। इसके बाद अन्य देशों ने भी धीरे-धीरे बांग्लादेश को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्वीकार करना शुरू कर दिया। 1972 में, बांग्लादेश संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बन गया, और इसके बाद इसे व्यापक अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई।
बांग्लादेश की आज की स्थिति
आज, बांग्लादेश एक तेजी से विकसित हो रहा देश है, जिसने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में बांग्लादेश की सफलता इसे दक्षिण एशिया में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाती है।
बांग्लादेश की स्वतंत्रता और मान्यता की कहानी साहस, संघर्ष और अंतरराष्ट्रीय समर्थन की एक प्रेरणादायक गाथा है। भूटान द्वारा सबसे पहले मान्यता दिए जाने की घटना इस बात का प्रतीक है कि छोटे देश भी वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।