राष्ट्रपति चुनाव, वॉशिंगटन, अमेरिका: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव से अपना नाम वापस लेने की घोषणा की है। यह कदम डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर बढ़ते दबाव और उनकी मानसिक तीक्ष्णता व डोनाल्ड ट्रम्प को हराने की क्षमता पर संदेह के कारण उठाया गया है। बिडेन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर यह घोषणा की।
बिडेन वर्तमान में COVID-19 से पीड़ित हैं और 18 जुलाई को उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। क्वारंटीन के दौरान, उन्होंने आत्मनिरीक्षण करते हुए चुनाव से बाहर होने का निर्णय लिया। बिडेन ने कहा, “यह पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित में है।” यह निर्णय उनके साथियों और जनता के बीच लंबे समय से चल रही चर्चाओं और चिंताओं के बाद आया है।
28 जून को पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के साथ बहस के बाद से ही राष्ट्रपति बिडेन पर अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का दबाव बढ़ रहा था। डेमोक्रेट्स के एक बड़े हिस्से ने उनकी मानसिक और शारीरिक क्षमता पर सवाल उठाए थे, जिससे पार्टी के अंदर विभाजन की स्थिति पैदा हो गई थी।
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और सदन की 52वीं स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने भी बिडेन की उम्मीदवारी पर अपनी चिंता व्यक्त की थी।
इस घोषणा के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी को अब नए उम्मीदवार की तलाश में जुटना होगा, जो पार्टी के सिद्धांतों का पालन करते हुए ट्रम्प के खिलाफ मजबूती से खड़ा हो सके। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ को एक अज्ञात क्षेत्र में पहुंचा दिया है, जहां नए समीकरण बनेंगे और नई रणनीतियाँ अपनाई जाएंगी।
बिडेन की इस घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए पार्टी में कई संभावित उम्मीदवारों के नाम सामने आ सकते हैं। जिनमें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस प्रमुख हैं। जो बिडेन ने राष्ट्रपति चुनाव से नाम वापस लेने के बाद राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारों को लेकर पार्टी के अंदर और बाहर चर्चाएँ तेज हो गई हैं।
अमेरिकी राजनीति में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां बिडेन के फैसले ने राजनीतिक परिदृश्य को बदल कर रख दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि डेमोक्रेटिक पार्टी इस चुनौती का सामना कैसे करती है और किसे अपना नया चेहरा बनाती है। वहीं, रिपब्लिकन पार्टी भी इस अवसर का लाभ उठाने के लिए अपनी रणनीतियों पर विचार कर रही है।
आने वाले दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि बिडेन के इस निर्णय का अमेरिकी राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा और चुनावी दौड़ में कौन से नए खिलाड़ी उभरकर सामने आएंगे।