गाजा सिटी, 10 अगस्त 2024 – फिलिस्तीन के गाजा के दाराज जिले में शनिवार सुबह एक भयानक त्रासदी घटित हुई, जब एक स्कूल पर इजराइल द्वारा तीन रॉकेट दागे गए। मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में 100 से ज्यादा लोग, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे, अपनी जान गंवा बैठे हैं। कहा जा रहा है कि, इस स्कूल में कई फिलिस्तीनी विस्थापितों ने शरण ले रखी थी और हमले के वक्त वे सुबह की नमाज पढ़ने के इकट्ठा हुए थे।
हमले के प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रॉकेटों की चपेट में आते ही स्कूल में आग भड़क उठी, जिसे बुझाने का प्रयास अभी भी जारी है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि स्कूल के बाहर धुआं और चीख-पुकार का माहौल है। इजरायल की सेना ने इस हमले की पुष्टि की है, लेकिन उनका दावा है कि अल-तबीन स्कूल को हमास के आतंकी अपने कार्यालय के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे और वहां कई आतंकी मौजूद थे। जहा से वे अपनी गतिविधी चला रहें थे। इजरायली रक्षा बलों (IDF) का कहना है कि उन्होंने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई एहतियात बरते थे, जिनमें हवाई निगरानी और इंटेलिजेंस जानकारी शामिल थी।
दूसरी ओर, हमास के प्रवक्ता महमूद बासल ने इसे ‘भयावह’ हमला करार दिया और बताया कि इस हमले में 100 के करीब लोग मारे गए हैं, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। स्कूल में रहने वाले फिलिस्तीनी विस्थापितों के लिए यह हमला किसी दुःस्वप्न से कम नहीं था। घायल और मृतकों को निकालने के लिए राहतकर्मी कड़ी मशक्कत कर रहे हैं, लेकिन परिस्थितियां बेहद चुनौतीपूर्ण हैं।
इस हमले ने गाजा में पहले से ही बिगड़े हुए हालातों को और अधिक गंभीर बना दिया है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब गाजा में दो अन्य स्कूलों पर भी इजरायली सेना ने हमला किया था, जिसमें कम से कम 18 लोगों की जान गई थी। उस वक्त भी इजरायली सेना ने हमास के कमांड सेंटरों को निशाना बनाने का दावा किया था।
फिलिस्तीनी पत्रकार होसम शबात ने इस हमले पर गहरा शोक व्यक्त किया है और बताया कि,
“गाजा शहर में बमबारी वाले स्कूल में फंसे हुए लोगों को निकालने में बहुत कठिनाइयां आ रही हैं। आग बुझाने के लिए पानी की सप्लाई भी काट दी गई है, जिससे हालात और भी गंभीर हो गए हैं।”
गाजा के निवासियों के लिए यह एक और दर्दनाक दिन है, जहां जीवन और मौत के बीच की दूरी बहुत कम होती जा रही है। गाजा की धरती पर संघर्ष की इन कहानियों ने एक बार फिर दुनिया का ध्यान इस क्षेत्र की ओर खींचा है, जहां युद्ध और शांति के बीच की खाई हर दिन गहरी होती जा रही है।